पता : कन्या गुरुकुल महाविद्यालय,
60, राजपुर रोड, देहरादून
टेलीफोन : 9761219696 (प्रधानाचार्य)
9412997659, 8923014011

ईमेल : kanyagurukuldehradun@gmail.com

प्रबन्ध व्यवस्था

कन्या गुरूकुल विद्यालय देहरादून की प्रबन्ध व्यवस्था आर्य विद्या सभा गुरूकूल कांगड़ी हरिद्वार (पंजीकृत सोसाइटी) द्वारा की जाती है। जो 12-A धारा के अन्तर्गत आयकर से मुक्त है।

पुस्तकालयय :

छात्राओं हेतु सभी विषयों के उपयोगी पुस्तकें हैं। समाचार पत्र तथा , पत्रिकाओं की व्यवस्था वाचनालय में समुचित है।

शिक्षण काल :

गुरुकुल विद्यालय का सम्पूर्ण शिक्षा काल 12 वर्ष का है। उसके पश्चात् महाविद्यालय या विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा दी जाती है। कक्षा 1 से 8 तक एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के विषयों को शिक्षा दी जाती है। तथा कक्षा 9 से 12 तक सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम के विषयों की शिक्षा दी जाती है। इसके साथ अंग्रेजी,संस्कृत एवं हिन्दी अनिवार्य विषय के रूप में 'पढ़ाये जाते हैं।

वृताभ्यास: छात्रावास (Hostel) - अनुशासन के 30 अंक होते हैं जिसमें 25 अंक प्राप्त करने पर ही कक्षा उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र दिया जाता है।

प्रमाण पत्र व उपाधि :

विद्यालय से दशम (X) श्रेणी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् विद्याधिकारी (हाईस्कूल) का प्रमाण पत्र तथा द्वादश (10+2) श्रेणी की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर विद्या विनोद (इण्टरमीडिएट) का प्रमाण पत्र गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किया जाता है।

विद्याधिकारी (X) तथा विद्याविनोद (XII) प्राप्त मन्यताए :

जून (1962) में प्रारत सरकार ने इस शिक्षण संस्था के राष्ट्रीय स्वरूप तथा शिक्षा के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान की दृष्टि से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी) के एक्ट (1956) की धारा 3 के अन्तर्गत डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार, विश्वविद्यालय भारतीय संघ एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी (Association of Indian University) तथा कॉमन वैल्थ विश्वविद्यालय संघ (Association of Common Wealth) का सदस्य है।

मान्यता-पत्र :

बोर्ड/विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को भारतवर्ष के सभी एजुकेशनल बोर्ड जैसे माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड माध्यमिक विद्यालयी शिक्षा एवं परीक्षा परिषद् रामनगर, नैनीताल, उ्तराखण्ड, राजस्थान बोर्ड, हिमाचल बोर्ड, महाराष्ट्र बोर्ड, केरल विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, बनारस विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय , पंजाब विश्वविद्यालय एवं हरियाणा विश्वविद्यालय आदि के समकक्ष मान्यता प्राप्त है। अलंकार उपाधि प्राप्त छात्राएं इन विश्वविद्यालयों की (एम.ए). की परीक्षा में बैठ सकती हैं तथा सरकारी सेवा में भी ली जा सकती हैं। गुरुकुल में प्रविष्ट हुए बिना तथा नियमपूर्वक अध्ययन किए बिना गुरुकुल की कोई परीक्षा प्राइंवेट नहीं दी जा सकती है। आश्रमवास तथा कक्षाओं में नियमित अध्ययन अनिवार्य है।